नमस्कार दोस्तों आज मैं बात करने जा रही हूं एक ऐसे मुद्दे पर जो बहुत ही संवेदनशील और गंभीर मुद्दा है। आत्महत्या अर्थात् जानबूझ कर अपनी जीवन लीला को खुद के द्वारा ही समाप्त कर लेना। और आपको जानकर हैरानी भी होगी कि हर साल 8 लाख लोग केवल आत्महत्या के कारण अपनी जान गंवा देते हैं और प्रत्येक 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या से मारा जाता है। ( WHO के अनुमान के अनुसार)
आखिर क्यों एक व्यक्ति आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है ??
दोस्तों हर व्यक्ति जीने की इच्छा रखता है कुछ लोग बहुत अधिक सहनशक्ति वाले होते हैं और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने वाले होते हैं
जबकि कुछ लोग अपने दिमाग में घूम रही बातों और अन्तर्द्वन्द से लड़ नहीं पाते और आखिरकार उन्हें अपनी जिंदगी को खत्म कर लेना ही सही लगता है।
आत्महत्या करने से पहले व्यक्तिगत संघर्ष से गुजरता है और जब उसे कोई निष्कर्ष नहीं नजर आता तो वह इस जालिम दुनिया से विदा कहना ही सही समझता है।
आत्महत्या के पीछे कई कारण हो सकते है। जैसे कि पारिवारिक परेशानी, कर्ज, बीमारी, फ्रेंडशिप का टूटना, आदि।
आत्महत्या करना सही या ग़लत
ये बात सत्य है कि कोई भी व्यक्ति आत्महत्या जैसा भयावह कदम बिना वजह नहीं उठा सकता परन्तु आत्महत्या कर लेना समस्या का हल नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन परेशानियों से लिप्त है परन्तु इसका ये मतलब नहीं कि हम भगवान द्वारा दिए गए अनमोल जीवन को ही खत्म कर लें। परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हर हाल में जीना सीखना चाहिए।
एक व्यक्ति के साथ अनेक लोग जुड़े होते हैं जैसे मां बाप भाई बहन दोस्त आदि। उन सब के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। यदि जीवन में कोई परेशानी है तो उनके साथ साझा करनी चाहिए परन्तु इस तरह जिन्दगी खत्म कर लेना सही नहीं है।
आखिर क्यों एक व्यक्ति आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है ??
दोस्तों हर व्यक्ति जीने की इच्छा रखता है कुछ लोग बहुत अधिक सहनशक्ति वाले होते हैं और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने वाले होते हैं
जबकि कुछ लोग अपने दिमाग में घूम रही बातों और अन्तर्द्वन्द से लड़ नहीं पाते और आखिरकार उन्हें अपनी जिंदगी को खत्म कर लेना ही सही लगता है।
आत्महत्या करने से पहले व्यक्तिगत संघर्ष से गुजरता है और जब उसे कोई निष्कर्ष नहीं नजर आता तो वह इस जालिम दुनिया से विदा कहना ही सही समझता है।
आत्महत्या के पीछे कई कारण हो सकते है। जैसे कि पारिवारिक परेशानी, कर्ज, बीमारी, फ्रेंडशिप का टूटना, आदि।
ये बात सत्य है कि कोई भी व्यक्ति आत्महत्या जैसा भयावह कदम बिना वजह नहीं उठा सकता परन्तु आत्महत्या कर लेना समस्या का हल नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन परेशानियों से लिप्त है परन्तु इसका ये मतलब नहीं कि हम भगवान द्वारा दिए गए अनमोल जीवन को ही खत्म कर लें। परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हर हाल में जीना सीखना चाहिए।
एक व्यक्ति के साथ अनेक लोग जुड़े होते हैं जैसे मां बाप भाई बहन दोस्त आदि। उन सब के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। यदि जीवन में कोई परेशानी है तो उनके साथ साझा करनी चाहिए परन्तु इस तरह जिन्दगी खत्म कर लेना सही नहीं है।