Friday, 26 June 2020

आत्महत्या: रूह को चोट

नमस्कार दोस्तों आज मैं बात करने जा रही हूं एक ऐसे मुद्दे पर जो बहुत ही संवेदनशील और गंभीर मुद्दा है। आत्महत्या अर्थात् जानबूझ कर अपनी जीवन लीला को खुद के द्वारा ही समाप्त कर लेना। और आपको जानकर हैरानी भी होगी कि  हर साल 8 लाख लोग केवल आत्महत्या के कारण अपनी जान गंवा देते हैं और प्रत्येक 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या से मारा जाता है। ( WHO के अनुमान के अनुसार)

आखिर क्यों एक व्यक्ति आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है ??
Sucide

दोस्तों हर व्यक्ति जीने की इच्छा रखता है कुछ लोग बहुत अधिक सहनशक्ति वाले होते हैं और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने वाले होते हैं
जबकि कुछ लोग अपने दिमाग में घूम रही बातों और अन्तर्द्वन्द से लड़ नहीं पाते और आखिरकार उन्हें अपनी जिंदगी को खत्म कर लेना ही सही लगता है।
Problem

आत्महत्या करने से पहले व्यक्तिगत संघर्ष से गुजरता है और जब उसे कोई निष्कर्ष नहीं नजर आता तो वह इस जालिम दुनिया से विदा कहना ही सही समझता है।
आत्महत्या के पीछे कई कारण हो सकते है। जैसे कि पारिवारिक परेशानी, कर्ज, बीमारी, फ्रेंडशिप का टूटना, आदि।
Yaar
आत्महत्या करना सही या ग़लत
गलत है

ये बात सत्य है कि कोई भी व्यक्ति आत्महत्या जैसा भयावह कदम बिना वजह नहीं उठा सकता परन्तु आत्महत्या कर लेना समस्या का हल नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति का जीवन परेशानियों से लिप्त है परन्तु इसका ये मतलब नहीं कि हम भगवान द्वारा दिए गए अनमोल जीवन को ही खत्म कर लें। परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हर हाल में जीना सीखना चाहिए।
आत्महत्या

एक व्यक्ति के साथ अनेक लोग जुड़े होते हैं जैसे मां बाप भाई बहन दोस्त आदि। उन सब के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। यदि जीवन में कोई परेशानी है तो उनके साथ साझा करनी चाहिए परन्तु इस तरह जिन्दगी खत्म कर लेना सही नहीं है।

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