Wednesday, 6 May 2020

Dowry system

पैसों से रिश्ते नहीं बन सकते
दहेज देकर बेटी की खुशियां नहीं खरीद सकते !
नमस्कार, मैं काजल अरोड़ा आज बात करने जा रही हूँ समाज में फैली एक बहुत बड़ी कुरीति के बारे मेंं।
प्रत्येक मां बाप का सपना होता है कि उनकी बेटी ससुराल में खुश रहे इसलिए वो दिलो जान से मेहनत करके अपनी बेटी की शादी बड़ी धूमधाम से करते हैं । लेकिन लड़के वालों की बेहिसाब मांगे उनके सपनों पर पानी फेर देती हैं। अपने कलेजे की कौर. बेटी देने के अलावा अन्य बहुत कुछ देने के बाद भी जब दहेज के लालची लोगों का मुंह बंद नहीं होता तो वे बहुत अधिक आहत होते हैं
ये कैसा रिवाज ????
दहेज़ पिता द्वारा अपनी बेटी को विवाह में अपनी बेटी के वर पक्ष को दिया जाता हैं. दहेज़ का यह खेल प्राचीन काल से
 चला आ रहा हैं. प्राचीन काल में समाज ठीक था आजकल दहेज एक प्रकार का दहेज लोभियों के लिये एक व्यापार की तरह बन गया हैं
सरकार इस कुरिति को खत्म करने में पूरी तरह से असफल रही है
वहीं दूसरी और संत रामपाल जी महाराज ने इस कुरिति को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया है। उनके शिष्यों के लिए दहेज देना व लेना सख्त मना है ।इसके साथ ही उनके शिष्य गुरु आज्ञा में रहते हुए बिल्कुल सादगी भरी शादी करते हैं वो भी मात्र 17 मिनट में । किसी भी प्रकार की कोई फिजूल खर्ची नहीं।
इसलिए मेरी पूरे समाज से विनती है कि अगर हम सब इस कुरीति से आजादी पाना चाहते हैं तो हमें संत रामपाल जी महाराज की शिक्षा पर चलना ही चाहिए।

No comments:

Post a Comment

Who is Durga maa

भारत देश में आस्तिकता सर्वोच्च है। प्रत्येक व्यक्ति अपने हिसाब से भगवान को किसी न किसी रूप में मानता ही है। इसी का एक हिस्सा है नवरात्रि प...